खिरनी का पेड़ बिल्कुल महुआ के समान ही होता है। इसका प्रयोग बहुत सारे आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है। खिरनी का फल नीम के फल की तरह दिखता है। पर खाने में बहुत ही मीठा होता है। ये गर्म तासीर का होता है। इसका फल सिर्फ अप्रैल और जून के महीने में ही लगता है। अत्यधिक मात्रा ने इसका सेवन करने से गठिया होने की संभावना होती है। आइये जानते है इसके आयुर्वेदिक फायदों के बारे में।

यदि आपको किसी जहरीले कीट पतंगे ने काट लिया ही तो खिरनी के बीजों का पानी के साथ घिस कर लेप बना ले। अब इस लेप को डंक वाली जगह पर लगा ले। ऐसा करने से जहर भी निकल जायेगा और दर्द में कमी भी होगी। यदि आपके दांतों में लगातार दर्द बना रहता है तो खिरनी के दूध को उस दांत की जड़ में लगाये। दर्द में राहत मिलेगा।

यदि आपके चेहरे पर किसी भी प्रकार के दाग धब्बे हो तो खिरनी के पत्तों को दूध के साथ पीस कर इसका पेस्ट रात को सोने से पहले चेहरे पर लगाये। सुबह गुनगुने पानी से धो ले। दो हफ्ते के अंदर अंदर ही ना सिर्फ आपके चेहरे के दाग धब्बें कम होने लगेंगे बल्कि आपके चेहरे का निखार भी बढ़ने लगेगा।

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